10 October 2019
महाराज माधवराव सिंधिया स्मृति हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिता 3 अक्तूबर से 5 अक्तूबर 2019 तक विद्यालय के सभागार में आयोजित की गई ।इस प्रतियोगिता में छः विद्यालयों ने भाग लिया। ये थे – डेली कॉलेज़ इंदौर. सायना इंटरनेशनल स्कूल. कटनी. बिड़ला विद्या मंदिर. पिलानी. वसंत वैली. नई दिल्ली. सिंधिया कन्या विद्यालय. ग्वालियर व सिंधिया स्कूल. ग्वालियर । यह प्रतियोगिता तीन चरणों में संपन्न हुई।प्रथम व अंतिम चक्र कैम्ब्रिज पद्धति पर आधारित था।तीन अक्तूबर की शाम छः बजे सभी विद्यालयों को विषय के पक्ष व विपक्ष में बोलने के लिए तीन विषय दिए गए। जो निम्नलिखित र्थे पाकिस्तान से बातचीत ही शांति का एकमात्र उपाय है. नए मोटर व्हीकल कानून से यातायात व्यवस्था में सुधार हुआ है और समान नागरिक संहिता देशहित में है। पहला चक्र 4 अक्तूबर को सुबह 11 बजे सम्पन्न हुआ और इसके तुरंत बाद अगले चक्र के लिए जोकि सायं साढ़े छः बजे संपन्न होना था. पुनः सभी विद्यालयों को लॉटरी पद्धति के आधार पर विषय आबंटित किए गए। यह चक्र टर्नकोट पद्धति पर आधारित था।इसमें सभी विद्यालयों को एक एक विषय दिया गया था जिसमें प्रत्येक वक्ता को दो मिनट पक्ष तथा दो मिनट विपक्ष में बोलना था।इस चक्र में प्रथम चार विद्यालयों को अंतिम चक्र में प्रवेश मिला. वे विद्यालय र्थे डेली कॉलेज़ इंदौर. सायना इंटरनेशनल स्कूल. कटनी. सिंधिया कन्या विद्यालय. ग्वालियर व सिंधिया स्कूल. ग्वालियर । अंतिम चक का विषय था – शिक्षा संसाधनों की मोहताज़ नहीं। इसमें सिंधिया कन्या विद्यालय. ग्वालियर व सिंधिया स्कूल. ग्वालियर विषय के पक्ष में व डेली कॉलेज़ इंदौर तथा सायना इंटरनेशनल स्कूल. कटनी ने विषय के विपक्ष में अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। इसमें सिंधिया कन्या विद्यालय. ग्वालियर प्रथम स्थान पर रही. द्वितीय स्थान पर सायना इंटरनेशनल स्कूल. कटनी. तृतीय स्थान पर सिंधिया स्कूल. ग्वालियर तथा चतुर्थ स्थान पर डेली कॉलेज़ इंदौर रहा। सिंधिया कन्या विद्यालय की प्लाक्षा गार्गस्या को सर्वश्रेष्ठ वक्तृ घोषित किया गया इसमें दूसरे स्थान पर सिंधिया कन्या विद्यालय की ही काव्या शर्मा व तीसरे स्थान पर सायना इंटरनेशनल स्कूल की मीनाक्षी सिसोदिया रहीं।अंतिम चक्र में विद्यालय के पूर्व छात्र डॉ अंकित कसेरा ह्य2012 महादजीहृ सभापति के कार्यभार का निर्वहण किया। इस चक्र में हंसराज कॉलेज ह्यदिल्ली विश्वविद्यालयहृ के हिंदी विभाग के व्याख्याता प््राभांशु ओझा . दिल्ली विश्वविद्यालय वोकेशनल कॉलेज से हिंदी विभाग के व्याख्याता अनुराग सिंह शेखर व कला मर्मज्ञा सलोनी खन्ना ने निर्णायकों के पद को सुशोभित किया।